फ्रेम कर लें सजा कर लम्हे रंग में
खेलें होली चलो इक नए रंग में
हो गयी है पुरानी मुहब्बत मगर
हैं ये किस्से नये के नये रंग में
धूप सेंकें पहाड़ों की मुद्दत के बाद
कर लें माज़ी नया धूप के रंग में
उस पहाड़ी पे कैफ़े खुला है नया
चल मुहब्बत पियें चाय के रंग में
एक भँवरे ने बोसा लिया फूल का
झूम उठी डालियाँ मद भरे रंग में
प्रिज़्म शरमा न जाये तुझे देख कर
रंग मुझको दिखें सब तेरे रंग में
जब से बूढ़ी हुई, हो गयी तू खड़ूस
डेट पर ले चलूँ क्या तुझे रंग में
चल पकौड़े खिलाऊँ तुझे मॉल पर
औ' पुदीने की चटनी हरे रंग में
आज बच्चों ने ऐसे रँगा है मुझे
घोल कर हैं जवानी गए रंग में
हम गली पर टिकाये हुए थे नज़र
और बच्चे थे छत पर डटे रंग में
छोड़ बच्चे गये अपनी पिचकारियाँ
मेरा बचपन दिखाया मुझे रंग में
एक दिन के लिए छोड़ भी दो किचन
"आओ रँग दूँ तुम्हे इश्क़ के रंग में"
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