Saturday 30 March 2019

पहाड़ों से


अब है जब सामना पहाड़ों से,
माँग कोई दुआ पहाडों से।

जब किया मश्विरा पहाड़ों से,
रास्ता मिल गया पहाड़ों से।

रास्ता तंग है ज़रा लेकिन,
रास्ता है सजा पहाड़ों से।

साथ ताउम्र थे समुंदर के,
इश्क़ ताउम्र था पहाड़ों से।

चाह कर भी कभी नहीं लौटा,
शहर जो भी गया पहाड़ों से।

मुश्किलें भी मिली पहाड़ों पर,
हौंसला भी मिला पहाड़ों से।

एक मीठी नदी निकलती है,
ख़ुश्क पत्थर नुमा पहाड़ों से।

बादलों ने कहा न जाने क्या,
चाँद छुपने लगा पहाड़ों से।

लौट आऊँगा मौत से पहले,
है ये वादा मेरा पहाड़ों से।

खेत बेरोज़गार हैं जब से
कारखाना सटा पहाड़ों से


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